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Teachers Day Special Essay in Hindi, शिक्षक दिवस हिन्दी निबंध – Important Thoughts 2021

Teachers Day Special Essay in Hindi
Written by Chetan Darji

गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वर

गुरुर्शाक्षात परब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नम:

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महान शिक्षक डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन 5 सितंबर को प्रतिवर्ष भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन शिक्षकों के सम्‍मान में स्‍कूल कॉलेजों में कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। जिसमें छात्र भाषण के माध्‍यम से अपनी बात रखते हैं। छात्र किस तरह से अपना भाषण तैयार करें उसमें यह भाषण उनकी मदद कर सकता हैं।

आदरणीय प्रधानाचार्य जी, शिक्षक व शिक्षिकाएं और मेरे प्यारे सहपाठियों नमस्‍कार

आज हम सभी यहां 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने के लिए एकत्र हुए हैं। सबसे पहले मैं यहां पर मौजूद सभी लोगों को शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। साथ ही मैं उन सभी लोगों का आभार व्‍यक्‍त करता हूं, जिन्‍होंने मुझे इस मौके पर अपना विचार रखने का मौका दिया।

हम शिक्षक दिवस को टीचर्स डे भी कहते हैं, यह दिन पूरे भारत में, उन सभी विद्यार्थियों के लिए सबसे सम्मानपूर्ण अवसर होता है, जो शिक्षा पूरी कर देश की सेवा कर रहे हैं या फिर शिक्षा ग्रहण कर रहे। छात्र इस दिन अपने शिक्षकों से मिले ज्ञान के लिए उनका आभार प्रकट करते हैं।

इसलिए हम प्रतिवर्ष इस दिन को बड़े धूम-धाम से मनाते हैं और गुरुओं का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। इसी दिन 1888 में देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था। वे 1952 से 1962 तक भारत के प्रथम उप-राष्ट्रपति और द्वितीय राष्ट्रपति रहे। उनके इन्हीं गुणों के कारण सन् 1954 में भारत सरकार ने उन्हें सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से अलंकृत किया था। उन्होंने अपने जीवन के 40 वर्ष एक शिक्षक के रूप में व्यतीत किया और अपने दायित्वों को पूरा किया। शिक्षा के क्षेत्र में उनका बहुत बड़ा योगदान रहा है। वर्ष 1962 में उनके राष्ट्रपति के रूप में चुनाव होने के बाद, विद्यार्थियों ने, उनके जन्मदिन 5 सितम्बर को मनाने की प्रार्थना की।

छात्रों के बहुत अधिक अनुरोध करने के बाद उन्होंने जवाब दिया कि, 5 सितम्बर, को मेरे व्यक्तिगत जन्मदिन के रूप में मनाने के स्थान पर यह अच्छा होगा कि, इस दिन को पूरे शैक्षिक पेशे के लिए समर्पित किया जाये। और तब से 5 सितम्बर पूरे भारत में शैक्षिक पेशे के सम्मान में शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाता है। इस दिन भारत सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने वाले शिक्षकों को सम्‍मानित किया जाता है। भारत के सभी छात्रों के लिए, शिक्षक दिवस उनके भविष्य को आकार देने में उनके निरंतर, निस्वार्थ और कीमती प्रयासों के लिए उनके द्वारा अपने शिक्षकों के प्रति सम्मान और कृतज्ञता को अर्पित करने का उत्सव और अवसर है।

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एक शिक्षक देश में शिक्षा प्रणाली को समृद्ध करने और उसकी गुणवत्‍ता बढ़ाने के लिए निरतंर बिना थकावट के कार्य करता है। जहां हमारे माता-पिता हमें जन्म देते हैं, वहीं शिक्षक स्‍कूल में पढ़ाई के साथ हमें सही और गलत का फर्क बता कर हमारे चरित्र का निर्माण करते हैं। साथ ही शिक्षक सही मार्ग दर्शन के साथ हमारे भविष्य को उज्जवल बनाते हैं। इसलिए हमारे देश में कहा जाता है कि शिक्षकों का स्थान हमारे माता-पिता से भी ऊपर होता है।

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शिक्षा के बिना हम अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। जिस प्रकार हमारे शरीर को भोजन की आवश्यकता होती है उसी प्रकार हमें जीवन में आगे बढ़ने और ऊंचाइयों को हासिल करने के लिए शिक्षा की जरूरत होती है। सभी छात्रों को निस्वार्थ भाव से एक शिक्षक ही शिक्षा प्रदान कर सकता है। शिक्षक हमारे अंदर की बुराइयों को दूर कर हमें एक बेहतर इंसान बनाते हैं।

हमें हमारे शिक्षक अपने स्वंय के बच्चों से कम नहीं समझते और हमें पूरी मेहनत से पढ़ाते हैं। एक बच्चे के रुप में, जब हमें प्रेरणा और प्रोत्साहन की आवश्यकता होती है, जिसे हम निश्चित रुप से अपने अध्यापकों से प्राप्त करते हैं। वे हमें जीवन में किसी भी बुरी स्थिति से ज्ञान और धैर्य से माध्यम से बाहर निकलना सिखाते हैं। प्रिय शिक्षकों, हम सभी इस ज्ञान के लिए हमेशा आपके आभारी रहेगें।

Teachers Day Special Essay in Hindi, Important Thoughts 2021

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1. गुरु केवल वह नहीं जो हमें कक्षा में पढ़ाते हैं बल्कि हर वो व्यक्ति जिससे हम सीखते हैं वह हमारा गुरु है

2. शिक्षा वह तपस्या है जो जीव को इंसान बनाती है

3. कबीर दास जी कहते हैं – गुरू गोविन्द दोऊ खड़े, काके लागूं पांय। बलिहारी गुरू अपने गोविन्द दियो बताय

4. गुरु का स्थान भगवान् से भी ऊपर होता है क्यूंकि गुरु ही हमें भगवान् तक पहुंचने का मार्ग बताते हैं

5. ज्ञान तो किताबों में भी लिखा होता है उस ज्ञान को जीवन के अनुभव के साथ जोड़कर गुरु हमें जो शिक्षा देते हैं वह हमारा जीवन सार्थक बनाती है

6. बिना शिक्षा के इंसान भी पशु समान है

7. बच्चों के भविष्य के निर्माण का सबसे बड़ा जिम्मेदार व्यक्ति उसका शिक्षक ही होता है

8. स्वयं भगवान् राम और श्री कृष्ण को भी गुरु की जरुरत पड़ी क्यूंकि गुरु के बिना शिक्षा संभव नहीं है

9. बिना गुरु के आप सिर्फ किताबें पढ़ सकते हैं ज्ञानी नहीं बन सकते

10. शिक्षक वह व्यक्ति है जो अपने अनुभवों का निचोड़ अपने छात्रों को बतलाता है और गलतियों से सीख लेने को प्रेरित करता है

11. शिक्षक ही एक सफल राष्ट्र का निर्माण करते हैं

12. ज्ञान का दान ही सबसे बड़ा दान कहा गया है क्यूंकि धन का दान सीमित समय तक सुख देता है लेकिन ज्ञान जीवन भर सुख देता है

13. शिक्षक की जिम्मेदारी है कि बच्चों को केवल किताबी ज्ञान ना दें बल्कि अच्छे संस्कार भी दें

14. आपके संस्कार बताते हैं कि आपके गुरुओं ने आपको क्या सिखाया है

15. गुरु एक बालक की बुद्धि का सृजनकर्ता है वह जो बीज बोता है वैसा ही पेड़ बनता है

16. ज्ञान देने वाले गुरु ना होते तो संसार आज भी अज्ञान में भटका होता

17. शिक्षक वह व्यक्ति है जो हमें अज्ञान से ज्ञान की ओर ले जाते हैं

18. कबीरदास ने कहा है कि गुरु की महिमा का वर्णन करना शब्दों में संभव नहीं है

19. गुरु वह है जो अज्ञान रूपी अंधकार को मिटाने के लिए ज्ञान का दीपक जलाते हैं और सब अंधकार मिट जाता है

20. शिक्षा का उद्देश्य केवल नौकरी पाना ना हो, बल्कि बालक का सर्वांगीण विकास शिक्षा का मुख्य उद्देश्य होना चाहिए

21. गुरु की कोई उम्र नहीं होती, अगर आप अपने से छोटी उम्र के व्यक्ति से भी कुछ सीखते हैं तो वह आपका गुरु है

22. शिक्षा हासिल करने के भी कोई उम्र नहीं होती, व्यक्ति जीवनभर सीखता है

23. जिस व्यक्ति का सीखना खत्म, समझो उसकी जिंदगी खत्म

24. माँ बालक की सबसे पहली शिक्षक होती है

25. इंसान पूरे जीवन में सबसे ज्यादा समाज से सीखता है और इसके बाद अपनी संगति वाले लोगों से

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About the author

Chetan Darji

Hi, My name is Chetan Darji , and I am the owner and Founder of this website. I am 24 years old, Gujarat-based (India) blogger.
I started this blog on 20th January 2019.

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