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Rashtriya Ekta Diwas (National Unity Day) 2022 Speech Essay For Students & Teachers in English & Hindi

Rashtriya Ekta Diwas (National Unity Day) 2022 Speech Essay For Students & Teachers in English & Hindi
Written by Chetan Darji

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The Complete and Official Information of Rashtriya Ekta Diwas (National Unity Day) 2022 Speech Essay For Students & Teachers in English & Hindi.

Rashtriya Ekta Diwas (National Unity Day) 31 October 2022

भारत जैसे विशाल और विषम देश में संस्कृतियों की बड़ी विविधता के साथ राष्ट्रीय एकता की भावना सबसे विशिष्ट विशेषताओं में से एक है। इससे सभी संकीर्ण मतभेदों के खत्म होने में मदद मिलती है। राष्ट्रीय एकता ने भारत को एक राष्ट्रीय पहचान और राष्ट्रीय चरित्र बनाने में मदद की है।

सामाजिक, सांस्कृतिक, क्षेत्रीय, धार्मिक, भाषाई और आर्थिक विविधता के बावजूद एकता, एकजुटता और सामंजस्य की भावना को बढ़ावा दिया है। ऐसे कई अवसर हैं जब राष्ट्रीय एकता के गहन अर्थपूर्ण विषय पर बात करने की आवश्यकता पड़ती है।

Rashtriya Ekta Diwas (National Unity Day) Speech in English 2022

Greetings from my side to all the gentlemen present here! Today I am here to deliver a speech on the topic of ‘National Integration’. This is a very important subject as it has a deep impact on the unity and integrity of the country.

What is meant by national unity? It refers to the collective identity of the residents of a country. It shows that even though we all belong to different religions, regions, castes and speak different languages, we should always feel that we are all one. This sense of unity is very important for building a prosperous and strong nation. The real meaning of integration is the existence of multiple identities with unified threads.

According to the words of Benjamin Franklin – “National unity means the unification of the people of the whole country to a common identity.”

India is a vast landmass inhabited by people belonging to different communities, cultures and castes. It seems almost impossible for the people of all the provinces to live together here and due to these religious and cultural differences, our country became the slave of the British in the past. Today when our country is independent, our first and foremost responsibility is to preserve its integrity and honor from external threats and internal discontent.

National integration not only helps in the formation of a strong country but also encourages the development of its people. National Integration Week is celebrated in India from November 19 to November 25 to raise awareness in the interest of the general public.

The idea of ​​national unity has also worked to destroy social and religious differences. So if the people of our country stand with unity then many social issues can be ended. People of different faiths and people of different communities who used to say their religion better than the religions of others are slowly realizing the importance of unity and standing in support of the unity and respect of the country.

National integration has led to the formation of an invisible thread of equality that harmonizes different parts of the country. It certainly boosts the strength of the country. Even during the freedom struggle, the people of our country stood together to get freedom from the unjust foreign rule.

In the end I would like to say that we Indian citizens should unite to protect the national security. A famous sentence said by Emanuel Klever on national unity is “There is more power in unity than in division”. That is why we should always remain united in spite of all social, linguistic and religious differences.

Thank you.

Rashtriya Ekta Diwas (National Unity Day) Speech in Hindi 2022

यहां पर उपस्थित सभी सज्जनों को मेरी तरफ से नमस्कार! आज मैं ‘राष्ट्रीय एकता’ के विषय पर एक स्पीच (भाषण) पेश करने के लिए यहां हूं। यह बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है क्योंकि इसका देश की एकजुटता और अखंडता पर गहरा असर पड़ता है।

राष्ट्रीय एकता का क्या अर्थ है? इसका तात्पर्य किसी देश के निवासियों की सामूहिक पहचान से है। यह दर्शाता है कि भले ही हम सभी विभिन्न धर्मों, क्षेत्रों, जातियों से संबंध रखते हो और अलग-अलग भाषा बोलते हो पर हमें हमेशा यह महसूस करना चाहिए कि हम सभी एक हैं। एक समृद्ध और मजबूत राष्ट्र के निर्माण के लिए एकता की यह भावना बहुत महत्वपूर्ण है। एकीकरण का वास्तविक अर्थ एकीकृत धागे के साथ बहुसंख्यक पहचान का अस्तित्व है।

बेंजामिन फ्रैंकलिन के शब्दों को माने तो – “राष्ट्रीय एकता का मतलब पूरे देश के लोगों का एकीकरण एक आम पहचान के लिए है।”

भारत एक विशाल भूमि का प्रदेश है जिसमें विभिन्न समुदायों, संस्कृतियों और जातियों के लोग रहते हैं। यहाँ सभी प्रांतों के लोगों का एकसाथ रहना लगभग असंभव सा लगता है और इन धार्मिक और सांस्कृतिक मतभेदों के कारण ही हमारा देश अतीत में अंग्रेजों का गुलाम बन गया था। आज जब हमारा देश स्वतंत्र है तो हमारी पहली और सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी बाहरी खतरों और आंतरिक असंतोष से इसकी अखंडता और सम्मान को संरक्षित करने की है।

राष्ट्रीय एकता न केवल एक मजबूत देश के गठन में मदद करती है बल्कि अपने लोगों के विकास को भी प्रोत्साहित करती है। भारत में 19 नवंबर से 25 नवंबर तक आम जनता के हित में जागरूकता बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय एकता सप्ताह के रूप में मनाया जाता है।

राष्ट्रीय एकता के विचार ने सामाजिक और धार्मिक मतभेदों को नष्ट करने का कार्य भी किया है। इसलिए यदि हमारे देश के लोग एकता के साथ खड़े रहे तो कई सामाजिक मुद्दों को समाप्त किया जा सकता है। विभिन्न विश्वासों को मानने वाले और विभिन्न समुदायों के लोग जो दूसरों के धर्मों से अपने धर्म को अच्छा बताते थे धीरे-धीरे एकता के महत्व को महसूस कर रहे हैं और देश की एकता और सम्मान के समर्थन में खड़े हो रहे हैं।

राष्ट्रीय एकता ने समानता के अदृश्य धागे के गठन की ओर अग्रसर किया है जो देश के विभिन्न हिस्सों में सामंजस्य स्थापित करती है। यह निश्चित रूप से देश की ताकत को बढ़ावा देता है। स्वतंत्रता के संघर्ष के दौरान भी हमारे देश के लोग अन्यायपूर्ण विदेशी शासन से स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए एक साथ खड़े हो गये थे।

अंत में मैं यह कहना चाहूंगा कि हम भारतीय नागरिकों को राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा के लिए एकजुट होना चाहिए। राष्ट्रीय एकता पर इमानुएल क्लेवर द्वारा कहा गया एक प्रसिद्ध वाक्य इस प्रकार है “विभाजन से अधिक एकता में शक्ति है”। इसलिए हमें सभी सामाजिक, भाषाई और धार्मिक मतभेदों के बावजूद हमेशा एकजुट रहना चाहिए।

धन्यवाद।

Rashtriya Ekta Diwas (National Unity Day) Essay in Hindi 2022

किसी भी देश की ताकत सभी भारतीय आपस उस देश की एकता में निहित होती है और यदि देश बड़ा और विभिन्न धर्म, भाषा के लोग रहने वाले हो तो उन्हें एकता की डोर में बाधकर रखना मुश्किल होता है लेकिन हमारे देश भारत की सबसे बड़ी यही खूबसूरती है की इतने धर्म, संप्रदाय, जाति के बावजूद आपस में मिलजुलकर रहते है और देश के एकता को बनाये रखे हुए है |

हमारे देश भारत को आजादी मिलने के पश्चात हमारे देश में अनेक 500 से अधिक देशी रियासते थी जो की सबको आपस में मिलकर एक देश का गठन करना बहुत ही मुश्किल था, सभी रियासते अपनी सुविधानुसार अपना शासन चाहते थे लेकिन लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल के सुझबुझ और इन रियासतों के प्रति अपनी स्पष्ट नीति के चलते इन्हें भारत देश में एकीकरण किया गया और इस प्रकार 3 देशी रियासते जूनागढ़, कश्मीर और हैदराबाद भारत में मिलने से मना कर दी जिसके पश्चात भारी विरोध के बाद जूनागढ़ का नवाब हिंदुस्तान छोडकर भाग गया, जिसके पश्चात जूनागढ़ भारत में मिल गया और कश्मीर के राजा हरीसिंह ने अपनी राज्य की सुरक्षा को आश्वासन लेकर कश्मीर को भी भारत में मिला दिया और अंत में हैदराबाद के निजाम ने जब भारत में मिलने से मना किया तो लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल ने तुरंत वहा सेना भेजकर निजाम को भी आत्मसमर्पण के लिए मजबूर कर दिया जिसके पश्चात हमारे भारत देश का नवनिर्मित गठन हुआ जिसे संघ राज्यों का देश भी कहा जाता है और इस प्रकार अनेक होते हुए भी एक भारत का निर्माण हुआ |

कोई भी देश तभी तक सुरक्षित रहता है जबतक की उस देश की जनता और शासन में आपसी एकता और अखंडता निहित होती है हमारे देश की इसी आपसी एकता की कमी का फायदा उठाते हुए अंग्रेजो ने भारत में फूट डालो और राज करो की नीति पर हमारे देश में 200 से अधिक वर्षो तक राज किया, हमारी इस गुलामी के कई कारण थे जैसे भारत के सभी राज्यों, रियासतों में आपसी कोई तालमेल नही था सभी रियासतों के राजा सिर्फ अपनी अपनी देखते थे अगर कोई बाहरी शत्रु आक्रमण करे तो कोई भी एक दुसरे का साथ नही देने आता था यही अनेक कारण थे जिसके कारण हमारा देश इसी एकता के अभाव में विकास के राह से भटक गया और जो भी आया सिर्फ यहाँ लुटा और चला गया |

अब चूकी हमारा देश आजाद है इसका मतलब यह नही है की हमारे देश पर कोई बुरी नजर नही डाल सकता है हम सभी को अपने देश अंदर उन आसामाजिक तत्वों से खुद को बचा के रखना है जो हमे आपस में बाटने को कोशिश करते है और साथ में देश के बाहरी दुश्मनों से भी चौक्कना रहना है तभी हमारा भारत भारत एक अखंड भारत बन सकेगा |

ऐसे में अब हमे अपनी आजादी मिलने के बाद हम सबकी यही जिम्मेदारी बनती है की जब भी देश की एकता की बात आये तो सभी भारतीयों को अपने धर्म जाति से उठकर सोचने की आवश्यकता है और एक सच्चे भारतीय भारतीय की तरफ कंधे से कंधा मिलाकर देश की अखंडता में अपनी अपनी भूमिका निभाना है |

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Chetan Darji

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I started this blog on 20th January 2019.

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