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The Complete and Official Information of Best Speech on Guru Nanak Jayanti in English and Hindi 2023
Best Speech on Guru Nanak Jayanti in Hindi 2023
Respected Principal Sir, Teachers and My Dear Students Good Morning to All
“नानक नाम चढ़दी कला, तेरे भाने सरबत दा भला;
धन धन साहिब श्री गुरु नानक देव जी दे आगमन पुरब दी लख लख वधाई!”
श्री गुरु नानक देव का जन्म 15 अप्रैल को हुआ था। वह भगवान के अस्तित्व को मानते थे। इसके अलावा, उन्होंने इस संदेश को हर जगह फैलाया की भगवान इस संसार मे मौजूद है, जिन जगहों पर उन्होंने यात्रा की थी। उनकी विचारधाराएँ और शिक्षाएँ सिखों की पवित्र पुस्तकों में उपस्थित हैं। उनके उपदेश में यह बात कही गयी है कि ईश्वर एक है और ईश्वर सभी को समानता से प्यार करते है। उनका विवाह 18 वर्ष की आयु में माता सुलखनी से हुआ था। उनके यहां एक पुत्र ने जन्म लिया जिनका नाम श्री चंद था। उनके अनुयायी सिख लोगों के रूप में जाने जाते हैं। वे अपने गुरु के जन्मदिन को गुरुपुरब के रूप में मनाते हैं।
गुरु नानक जयंती को पूरे विश्व में पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। यह त्योहार अक्टूबर से नवंबर के महीने में पड़ता है। यह त्योहार सिखों के लिए कई अन्य समारोहों के समान है। गुरु नानक जयंती उत्सव गुरुद्वारों में प्रभात फेरी या जुलूस के साथ शुरू होता है। सिख लोग गुरु नानक जयंती की पूर्व संध्या पर भजन गाते है। सिख धर्म के लोग गुरुद्वारों में लगातार 48 घंटों तक पवित्र पुस्तक गुरु ग्रन्थ साहिब पढ़ते है।
गुरुद्वारा में पूरे समुदाय के लोगो द्वारा एक विशेष भोजन जिसे लंगर कहा जाता है उसका आयोजन होता है। यह लंगर सभी को भोजन प्रदान करने के उद्देश्य से प्रत्येक दिन तैयार किया जाता है। यह गुरु नानक देव के प्रति सिख स्वयंसेवकों की सेवा के रूप में किया जाता है। सिख गुरुद्वारों में जाते हैं और प्रार्थना करते हैं। यह त्योहार बिना किसी भेदभाव के समानता सिखाता है। सिख धर्म के लिए एक ध्वज है जिसका नाम निशान साहब है।
जैक एन जिल सेकेंडरी स्कूल की ओर से गुरु नानक जयंती के अवसर पर सभी देशवासियों के लिए हार्दिक शुभकामनाएं। वाहे गुरु जी की खालसा, वाहे गुरु जी की फतेह!
Best Speech on Guru Nanak Jayanti in Hindi 2023
Shree Guru Nanak Dev was born on the 15th of April. He truly believed that the existence of God. Also, he spread that message everywhere he traveled. His ideologies and teachings are filled in the sacred books of Sikhs. His preaching depends on one God and how God loves everyone with equality. He was married to Mata Sulakhni when he was at the age of 18. They got a son named Sri Chand, founder of the Udasi Religion. The followers of him are known as Sikh people. They celebrate their Guru’s birthday as Gurpurab.
Guru Nanak Jayanti is observed all over the world on the full moon day. This festival falls in the months of October to November. This festival is similar to many other celebrations for Sikhs. Guru Nanak Jayanthi festival starts with Prabhat Pheri or processions at the Gurudwaras. The Sikh people will do singing hymns on the eve of Guru Nanak Jayanthi. However, Sikhs used to read a sacred book for a continuous 48 hours in the Gurudwaras.
The Gurudwaras leaders spread the message of Guru Nanak Dev on the eve of Guru Nanak Jayanthi. There is a unique community lunch named Langar, arranged by the volunteer. This Langar denotes the idea of offering food to everyone. It is their tradition saying that the Seva of the Sikh volunteers towards Guru Nanak Dev. Sikhs visit Gurudwaras and offer prayers. This festival teaches equality without any discrimination. There is a flag for Sikhism named Nishan Sahib.
We are wishes Happy Guru Nanak Jayanti. Wahe Guru ji ka Khalsa, Wahe Guru ji ki fateh.
सतनाम वाहे गुरु !!