15 August 2022 Independence Day Speech in Hindi
15 अगस्त 1947 को हमारा देश ब्रिटिश शासन से मुक्त होकर एक स्वतंत्र राष्ट्र बना था। 14 और 15 की मध्य रात्रि को कई विद्रोह के बाद भारत को स्वतंत्रता प्राप्त हुयी थी। हमे स्वतंत्र हुए आज पूरे 75 वर्ष हो गए हैं। हमारा भारत 200 वर्ष तक अंग्रेजों के अधीन था जिसके बाद हमारे देश में आजादी के लिए काफी लड़ाई लड़ी गयी। जिसमे बहुत से महापुरुषों ने अपना बलिदान दिया और भारत को एक स्वतंत्र देश बनाया। इस वर्ष हम स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ मना रहें है।
स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में पूरा देश हर वर्ष पूरे हर्ष और उल्लास के साथ इस दिन को राष्ट्रीय त्यौहार के रूप में मनाते है। और स्कूल, कॉलेज और भारत के सभी संस्थानों में तिरंगा फहराया जाता है। और इस दिन बच्चे सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेते है और हास्य, नाटक, भाषण, नृत्य, जैसे कार्यक्रम आयोजित करते हैं।
15 अगस्त 1947 को आजाद होने के बाद भारत ने एक विकास का लंबा सफर तय किया। उपनिवेशक शासन के दरम्यान भारत गरीबी, अशिक्षा, आर्थिक विषमता, अकाल और सांप्रदायिक हिंसा से जूझता रहा।अंग्रेजो के जाने के बाद भारत के सामने कई सारी समस्याएं खड़ी हुई। उसको आत्मनिर्भर बनने में रुकावट पैदा कर सकती थी। लेकिन नीति निर्माताओं की दूरदृष्टिता और प्रतिबद्धता ने इस बात को सच कर दिया। और भारत को दुनिया का एक विकसित और सर्वश्रेष्ठ राष्ट्र बनाया।
After Azadi
१९४७ के बाद भारत का आर्थिक विकास के मामले में भारत को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। भारत उद्योगों के मामले में कई पिछड़ा था। भारत के लोगों की प्रति व्यक्ति आय ₹250 से कम थी। आर्थिक विकास की गति बहुत धीमी थी लगभग 80% लोग गांव में रहते थे। 70% लोग कृषि पर निर्भर थे इस प्रकार अंग्रेजों ने भारत के लोगों का बहुत शोषण किया।और भारत को एक जर्जर हालत में छोड़ कर चले गए। आझादी के बाद भारत को विकास के रास्ते पर ले जाना आसान नहीं था इसलिए नीति निर्माताओं ने मिश्र अर्थव्यवस्था का स्वीकार करके भारत के विकास को गति को बढ़ाने के बारे में सोचा। विकास को बढ़ाने के साथ-साथ भारत को सामाजिक असमानता को भी दूर करने की बहुत बड़ी एक चुनौती थी। इस लिए 15 मार्च 1950 को योजना आयोग की शुरुआत की गई। इस योजना आयोग का मुख्य उद्देश्य था देश का आर्थिक विकास और इसी ने देश को मजबूत बनाने में अपना योगदान दिया। भारत में औद्योगिक नीति को भी मजबूत बनाने के ऊपर ध्यान दिया गया। इसी के चलते भारत में राउरकेला दुर्गापुर भिलाई और बोकारो में इस्पात कारखानों की स्थापना की गई। के बाद भारत में लघु और कुटीर उद्योगों का विकास करने के लिए योजना बनाई गई। इसके चलते भारत में औद्योगीकरण को बढ़ावा मिला और यह भारत के विकास में महत्वपूर्ण साबित हुआ। इसके बाद भारत के लोगों के लिए आर्थिक आजादी के रूप में भारत के बैंकों का महत्वपूर्ण योगदान है इसके लिए १९६९ इंदिरा गांधी के समय 14 बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया था। से आम आदमी को लोन लेना बहुत ही आसान हो गया और उसके उन्नति के नए रास्ते खुलते गए। १९८० में 6 और बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया।
शुरुआत के 40 साल में भारत की योजनाएं नेहरू महालनोबिस मॉडल पर आधारित थी। भारी और आधारभूत उद्योगों का विकास यही शुरुआत में भारत के विकास के क्षेत्र में महत्वपूर्ण थे इसी के साथ समाजवादी ढांचे का विकास यह भी महत्वपूर्ण लक्ष्य शुरुआती योजनाओं में था। लेकिन लाइसेंस राज और बंद अर्थव्यवस्था ने हमारे विकास के रास्तों को रोक कर रखा था।।
1991 से हमने भारत के लिए मुक्त अर्थव्यवस्था को स्वीकार किया इसमें उदारीकरण, निजीकरण और भूमंडलीकरण को स्वीकार किया। दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और यह केवल 1 दिन में हासिल नहीं हुआ। तो इसके लिए भारत को बहुत दिनों से जो है प्रयास करना पड़ा जिसके अंत में यह सब हुआ।
जब से भारत पर अंग्रेजों का शासन रहा तब से भारत गुलामी की जंजीरों में जकड़ा रहा। लेकिन भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और क्रांतिकारको द्वारा भारत को आजाद करने के लिए दिए गए बलिदान को याद रखने के लिए हम हर साल 15 अगस्त मनाते हैं। और इसी दिन सच्चे अर्थ में भारत को स्वतंत्रता मिली अंग्रेज हमारा देश छोड़कर चले गए और हमारे लिए प्रगति के नए रास्ते करें खुले और इसी से हम हमारे देश को एक नए शिखर पर आगे ले जाने में सफल रहे।
हमारे जो भी स्वतंत्रता सेनानी /क्रांतिकारी जिन्होंने हमारे लिए बलिदान दिया और हमको स्वतंत्र रखने में योगदान दिया वह हमेशा अमर रहे इसी शुभ संदेश के साथ जय हिंद।